Wednesday, July 15, 2009

kshanika

पगलाए मेरे कदम
मेरी कलम
मेरा मन
आँख बंद
खोजू उसे
जो है नहीं
फिर भी है सभी के मन
आत्मा परम .....

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About Me

अपने विचारों मैं उलझी किन राहों मैं नहीं भटकी खुद की तलाश में वक्त को बिताती हूँ पर जवाब नहीं पाती हूँ .... लोगों से मिलती हूँ ताल भी मिलाती हूँ अजनबी होने से थोडा खौफ खाती हूँ पर खुद को बहुत दूर बहुत दूर पाती हूँ ....