Friday, August 2, 2013

क्या तुमने न जाना ?

सूरज का चमकना
जी भर के गरजना
झीलों का सिकुड़ना
धरती का झुलसना
किसने नहीं देखा
क्या  तुमने न जाना ?

वो दर्द पुराना
पागल सा दीवाना
बदल का इतरना
फिर जैम के बरसना
किसने नहीं देखा
क्या तुमने न जाना ?

गीत विरह का
 स्नेह जतन का
फूल ह्रदय का
आहात हुआ जाना
किसने नहीं देखा
क्या तुमने न जाना.?

भावना  शर्मा






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About Me

अपने विचारों मैं उलझी किन राहों मैं नहीं भटकी खुद की तलाश में वक्त को बिताती हूँ पर जवाब नहीं पाती हूँ .... लोगों से मिलती हूँ ताल भी मिलाती हूँ अजनबी होने से थोडा खौफ खाती हूँ पर खुद को बहुत दूर बहुत दूर पाती हूँ ....