Friday, June 25, 2010

sher

रिश्तों की दलदल मैं फंसकर
कितने हम बदनाम हुए
कितने ज़ख्म दिए लोगों ने
कितने कितने घाव दिए .....

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About Me

अपने विचारों मैं उलझी किन राहों मैं नहीं भटकी खुद की तलाश में वक्त को बिताती हूँ पर जवाब नहीं पाती हूँ .... लोगों से मिलती हूँ ताल भी मिलाती हूँ अजनबी होने से थोडा खौफ खाती हूँ पर खुद को बहुत दूर बहुत दूर पाती हूँ ....